युक्रेन-रूस युद्ध में हरियाणा के युवक की मौत, मृतक रूसी सेना में कैसे हुआ भर्ती ? पढ़िए पूरा मामला

Yuva Haryana : आजकल विदेश में जाकर पैसे कमाने का सपना बहुत सारे युवाओं का होता है, लेकिन कभी-कभी गलत एजेंट, फर्जी ऑफर और धोखेबाजों की वजह से ये लोग बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ जाते है। ऐसी ही हरियाणा के एक युवा की विदेश जाने की चाह उसे मौत के रास्ते पर ले गई।
दरअसल, हरियाणा के कैथल जिले के गांव जनेदपुर के 22 वर्षीय युवक कर्मचंद का भी विदेश जाने का सपना था। कर्मचंद जर्मनी देश जाना चाहते थे, लेकिन आरोप है कि उसके एजेंट ने उसे जर्मनी की जगह रूस भेज दिया।
इतना ही नहीं, एजेंट पर आरोप लगा है कि उसने कर्मचंद को रूसी सेना में भर्ती करवाकर उसे रूस-यूक्रेन युद्ध के मैदान में उतार दिया। इस बीच युद्ध के दौरान 6 सितंबर को बम गिरने से कर्मचंद की मौत हो गई।

परिवार को इकलौते बेटे कर्मचंद की मौत की जानकारी 13 दिन बाद 19 सितंबर को मिली, जब रूस की सेना में उसके साथ कार्यरत एक अन्य भारतीय युवक ने टेलीग्राम ऐप के माध्यम से उसके चचेरे भाई को सूचना दी। इसके बाद परिवार ने स्थानीय प्रशासन और विदेश मंत्रालय से संपर्क साधा।
लंबी कागजी प्रक्रिया के बाद करीब डेढ़ महीने बाद 17 अक्टूबर को कर्मचंद का पार्थिव शरीर भारत लौटा और अगले दिन गांव में अंतिम संस्कार किया गया। इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।

परिजनों के मुताबिक उनका बेटा 7 जुलाई को एजेंट के जरिए विदेश गया था। एजेंट ने उससे आठ लाख रुपये लेकर जर्मनी भेजने का वादा किया था, लेकिन इसके बजाय उसे रूस भेज दिया गया। वहां एजेंट के संपर्कों के माध्यम से उसे रूस की सेना में भर्ती करवा दिया गया। कुछ ही हफ्तों में उसे युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया, जहां बम गिरने से उसकी मौत हो गई।
वहीं परिजनों का यह भी कहना है उनका बेटा भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता था, लेकिन चयन न होने पर उसने विदेश जाकर वही सपना पूरा करने की ठानी।
परिजनों ने सरकार से मांग की है कि युद्ध में मारे गए कर्मचंद को शहीद का दर्जा दिया जाए और परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने सरकार से उनकी बेटी को सरकारी नौकरी देने की भी गुहार लगाई है।
फिलहाल, परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने एजेंट के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
First published on: October 19, 2025 12:40 PM