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Regular Registrar News : 14 साल का लम्बा इन्तजार हुआ खत्म, अब NIT संस्थान को मिल सकता है रेगुलर रजिस्ट्रार, जानिए कहां का है मामला

Regular Registrar News : अब शायद संस्थान का 14 साल लम्बा इन्तजार खत्म हो सकता है। यह मामला हिमाचल प्रदेश के एकमात्र NIT संस्थान का है। जहां पर पिछले 14 साल से रेगुलर रजिस्ट्रार नहीं है,इसलिए प्रदेश में महत्वपूर्ण 3 पदों को भरने के लिए प्रोसेस शुरू हुआ है।
 

Regular Registrar News : अब शायद संस्थान का 14 साल लम्बा इन्तजार खत्म हो सकता है। यह मामला हिमाचल प्रदेश के एकमात्र NIT संस्थान का है। जहां पर पिछले 14 साल से रेगुलर रजिस्ट्रार नहीं है,इसलिए प्रदेश में महत्वपूर्ण 3 पदों को भरने के लिए प्रोसेस शुरू हुआ है। इस बार रजिस्ट्रार के अलावा डिप्टी रजिस्ट्रार और XEN पदों को भरे जाने का विज्ञापन जारी हुआ है, लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि रजिस्ट्रार के पद पर यह प्रोसेस पिछले तकरीबन 14 साल से जारी है, फिर भी संस्थान को रेगुलर रजिस्ट्रार नहीं मिल पा रहा।

 

5 साल के डेपुटेशन पर होगी नियुक्ति

रजिस्ट्रार की नियुक्ति का प्रोसेस शुरू हो गया है और 5 साल की डेपुटेशन पर नियुक्ति  की जायेगी। ऐसा नहीं है कि यह प्रोसेस पहली बार शुरू हुआ हो। पिछले 14 साल से NIT में स्टॉप गैप अरेंजमेंट के रूप में इंटरनल व्यवस्था बार-बार बनाई जाती रही है। अब देखना यह है कि इस बार का विज्ञापन क्या रेगुलर रजिस्ट्रार की नियुक्ति के लिए बुनियाद बनेगा या फिर, केवल औपचारिकता ही साबित होगा।

 

डिप्टी रजिस्ट्रार की डायरेक्ट रिक्रूटमेंट का प्रोसेस शुरू

डिप्टी रजिस्ट्रार के पद को भरने के लिए डायरेक्ट रिक्रूटमेंट का प्रोसेस शुरू हुआ है। संस्थान के इस एक पद को भरने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। यह पद रेगुलर आधार पर भरा जाएगा। इस पद को रेगुलर आधार पर भरने के लिए पहली बार प्रोसेस शुरू हुआ है।

XEN सिविल पद के लिए विज्ञापन जारी 

संस्थान में सिविल वर्क के लिए महत्वपूर्ण XEN का पद भी रेगुलर रिक्रूटमेंट के जरिए भरा जाएगा। इसके लिए भी विज्ञापन जारी हो गया है। काफी समय से यह पद ऑफिसेटिंग आधार पर ही कामचलाऊ व्यवस्था बनाने में कामयाब रहा है।

इंटरनल प्रमोशन के बाद 62  पद भरें जाएंगे 

अलग कैटेगरी में टीचर्स की भी रिक्रूटमेंट हो रही हैं, जिसमें तकरीबन 62 पद भरे जाएंगे। इसमें असिस्टेंट प्रोफेसर के पद सबसे ज्यादा हैं। इसी प्रोसेस के साथ इंटरनल प्रमोशन्स भी टीचर्स की होंगी। लंबे समय से यह पदोन्नतियां रुकी हुई हैं, क्योंकि बर्खास्त डायरेक्टर विनोद यादव के समय इस संस्थान को जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई आज तक नहीं हो पाई।

उनके समय में हुई रिक्रूटमेंट का मामला भी अभी सवालों के घेरे में है। हालांकि कई फैकल्टी मेंबर्स संस्थान छोड़कर दूसरी जगह चले गए हैं। एक और मामला भी यहां पर अभी लंबित है। उनके समय के इन मामलों का बनेगा क्या? इसका जवाब अभी नहीं मिल पा रहा है।