पहलवान सागर जागलान ने विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में जीता सिल्वर, कभी दुबले पतले शरीर का मजाक उड़ाते थे लोग

Yuva Haryana: यदि व्यक्ति के मन में कुछ कर दिखाने का मन हो तो वो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है । ऐसा ही पनीपत के राज नगर के युवा पहलवान सागर जागलान ने अपने अद्भुत प्रयासों से सबको आश्चर्यचकित कर दिया है। उनके कमजोर शरीर को छोड़कर वे ने दिखाया कि लक्ष्य और मेहनत से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।
18 वर्षीय सागर ने अम्मान, जार्डन में आयोजित अंडर-20 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतकर अपनी महानता की मिसाल पेश की है। उन्होंने अपने कमजोर शरीर पर तंज कसने वालों को चुप कराया और अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होते गए।
सागर ने अपने प्रयासों का परिणामस्वरूप बुल्गारिया और जार्डन के पहलवानों को हराकर फाइनल में पहुंचा। उन्होंने रजत पदक के लिए मुकाबला किया, लेकिन उनके सामने रुकने का सिलसिला नहीं है। वे अब अपनी तैयारी को विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप की ओर मोड़कर देख रहे हैं।
सागर के पिता मुकेश जागलान ने बताया कि उनके बेटे का शारीरिक रूप से कमजोर होना किसी भी तरह का बाधा नहीं बना। उन्होंने लक्ष्य बनाया कि वे अपने बेटे को नामचीन पहलवान बनाएंगे और उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की।
अश्वनी दहिया, सागर के कोच, ने बताया कि सागर ने फितले दांव के अभ्यास को हर रोज़ 200 बार किया है। इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने कई बड़ी प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त की है।
सागर के संघर्षों और मेहनत की दास्तान ने उन्हें अनेक पदक जीतने का मौका दिया है। उनका लक्ष्य अब विश्व चैम्पियन बनने के साथ-साथ ओलंपिक में पदक जीतने की दिशा में है।
सागर जागलान ने दिखाया कि कठिनाइयों का सामना करने के लिए सिर्फ उम्र या शारीरिक कमजोरियाँ ही काफी नहीं, बल्कि सही दिशा में लक्ष्य और मेहनत भी आवश्यक होती हैं।"