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हरियाणा में योजनाओं का लाभ लेने के लिए चल रहा ये नया खेल, जानें किस तरह कराए जा रहे सिंगल मेंबर फैमिली रजिस्ट्रेशन

हरियाणा सरकार की योजनाओं का लाभ हर हाल में लेना है। चाहें इसके लिए कुछ भी करना पड़ा। इस बाबत एक नए फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। भरा-पूरा परिवार होने के बावजूद बुजुर्ग खुद को सिंगल मेंबर फैमिली के रूप में पंजीकृत करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बारे में अधिकारियों ने जांच करके रिपोर्ट मांगी है। 

 

हरियाणा सरकार की योजनाओं का लाभ हर हाल में लेना है। चाहें इसके लिए कुछ भी करना पड़ा। इस बाबत एक नए फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। भरा-पूरा परिवार होने के बावजूद बुजुर्ग खुद को सिंगल मेंबर फैमिली के रूप में पंजीकृत करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बारे में अधिकारियों ने जांच करके रिपोर्ट मांगी है। 

 

मुख्यमंत्री ने भी माना है कि पीपीपी की जांच के दौरान कई आश्चर्यजनक जानकारियां सामने आई हैं। कई लोगों की वार्षिक आय कई गुना बढ़ चुकी है। इसके बावजूद वह सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। इसी प्रकार कई लोगों ने परिवार होने के बावजूद खुद को सिंगल दर्शाकर पंजीकरण करवाया है। सभी आयु वर्ग के लोगों का यह आंकड़ा ढाई लाख के करीब बनता है, जिनके रहने और खाने का प्रबंध सरकार को करना है। 

 

इसके बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। यह रिपोर्ट आने के बाद ही इन लोगों को पात्र मानकर सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। दरअसल, हरियाणा सरकार की ओर से परिवार पहचान पत्रों (पीपीपी) का वेरिफिकेशन करवाया जा रहा है। इस जांच के दौरान अब तक जहां पेंशन और अन्य योजनाओं को लेकर कई तरह के फर्जीवाड़े सामने आ चुके हैं वहीं अब बुजुर्गों को लेकर नई बातें पता लगी हैं। 

जांच में पता चला है कि प्रदेश में सवा दो लाख लोग ऐसे हैं जिनकी आयु 80 वर्ष से ऊपर है। 3500 ऐसे हैं जिनकी आयु 100 साल से अधिक है। प्रदेश में 3600 लोग ऐसे हैं जिनकी सालाना आय 25000 है। इन 3600 लोगों के रहने व खाने की जिम्मेदारी अब सरकार उठाने जा रही है। इसके चलते इन लोगों को 1 अप्रैल से सेवाश्रमों में शिफ्ट किया जाएगा।

इस वेरीफिकेशन में यह बात सामने आई है कि प्रदेश में 28 हजार लोग ऐसे हैं जिनके अपने भरे-पूरे परिवार हैं और इसके बावजूद उन्होंने खुद को सिंगल मैंबर फैमिली के रूप में पंजीकृत करवाया है। इस आंकड़े के संदेह के आधार पर जब कुछ जिलों में जांच की गई तो पता चला कि बच्चों के साथ मनमुटाव व परिवारिक झगड़े के चलते बुजुर्ग अकेले रह रहे हैं। 

कई ऐसे हैं जिनके बच्चे उन्हें साथ नहीं रखते हैं। ऐसे लोगों ने खुद को अकेला मानते हुए सरकार के रेकॉर्ड में सिंगल मेंबर फैमिली के रूप में पंजीकृत करवा दिया है।