ब्यूटी विद ब्रेन है ये IPS ऑफिस, विदेशी नौकरी छोड़ करनी चाही देश की सेवा जानिए कौन है ये महिला अधिकारी

 

Yuva Haryana : कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती हार मानने वालों की कभी जीत नहीं होती। इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है आईपीएस पूजा यादव ने। पूजा यादव ने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास करके आईपीएस बनने तक का सफर तय किया है।

पूजा यादव 2018 बैच की आईपीएस ऑफिसर  है। पूजा यादव हरियाणा की रहने वाली है और उन्होंने फूड टेक्नोलॉजी  व बायो टेक्नोलॉजी में एमटेक किया है। पूजा एक मध्यवर्गीय परिवार से थी उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ ज्यादा ठीक नहीं थी इसलिए वह अपनी पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाती थी ताकि अपनी पढ़ाई जारी रख सके।

pooja yadav

उसके बाद वह एक रिसेप्शनिस्ट की जॉब पर थी। उन्हें कनाडा से भी जॉब का ऑफर मिला था और वह अपनी जॉब के लिए कनाडा चली गई थी। जॉब करने के बाद पूजा ने जर्मनी में भी जॉब करी। लेकिन विदेश से लौटकर पूजा ने अपनी सिविल सर्विस की पढ़ाई करने का निश्चय किया ताकि वह देश के लिए कुछ कर सके उन्हें पहले प्रयास में सफलता हासिल नहीं हुई लेकिन पूजा यादव ने हार नहीं मानी और दोबारा प्रयास किय।

प्रयास में पूजा यादव को सफलता हासिल हुई और उन्होंने 174 वी रैंक प्राप्त करी। पूजा यादव का कहना है कि उनके परिवार वालों ने वे उनके दोस्तों ने उनके इस सफर में काफी हद तक साथ दिया है जिसकी बदौलत वह आज इस मुकाम पर है। पूजा यादव का कहना है कि आम जनता को पुलिस को समझने के लिए किसी भी नए ऑफिसर से मिलना चाहिए व उनसे बात करनी चाहिए ताकि जो लोगों के मन में पुलिस को लेकर जो धारणा बनी हुई है उसे खत्म किया जा सके।

विदेश में नौकरी करते हुए भी पूजा के मन में हमेशा एक सवाल रहा कि वह अपने देश के विकास में कैसे योगदान दे सकती है लौटकर पूजा ने सिविल सर्विस की परीक्षा देने का फैसला किया और उसमें सफलता हासिल करने के बाद पूजा हर सफल तरीके से लोगों की मदद करने के लिए तैयार खड़ी रहती है पूजा यादव ने ट्रेनिंग के दौरान यह सीखा कि कैसे एक आईपीएस ऑफिसर एक महिला होने के साथ-साथ कैसे आत्मविश्वास ढृढ निश्चय के साथ खड़ी रहती है।

पूजा यादव का कहना है कि डॉ लीना ने जो कि उनकी सीनियर है उन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया है। पूजा यादव ने बताया कि उन्हें विदेश में काफी अच्छा पैकेज मिल रहा था लेकिन फिर भी उनका मन भारत के लिए कुछ करने को तत्पर था और इसी की वजह से वह आज एक आईपीएस ऑफिसर है।।