8000 साल पुराना है हरियाणा का ये कुंड, नहाने से दूर होते है रोग

 

सोहाना के  इस सरोवर को तीर्थ स्थल के रूप में भी जाना जाता है। कुंड के गर्म जल को लेकर अनेक मान्यताएं भी हैं। अक्सर ऐसा लोगों का मानना है, कि इस जल के सेवन से कई बीमारियां व रोग दूर हो जाते हैं। अरावली पर्वतमाला की तलहटी में स्थित सोहना कस्बा अपनी प्राकृतिक संपदा के कारण प्रसिद्ध है। जो की दिल्ली से करीब 50 KM व साइबर सिटी गुरुग्राम से 25 KM दूरी पर स्थित है।

दरअसल आपको बता दें कि यह विश्व प्रसिद्ध स्थान होने के कारण आज भी हजारों की संख्या में पर्यटक यहां पर आते जाते हैं। आपको बता दे कि इस कस्बे के करीब 800 वर्ष प्राचीन गर्म जल सरोवर (कुंड) ने सोहना का नाम पर्यटन के मानचित्र पर अंकित कर दिया करके इतिहास रच दिया है। लोगो द्वारा ऐसा बताया है, कि बताया जाता है कि भारत में इससे ज्यादा गर्म तापमान वाला जल किसी अन्य कुंड से नहीं निकलता है। वर्तमान में इस सरोवर को तीर्थ स्थल के नाम से  भी पहचाना जाता है।
 

इस सरोवर के गर्म जल को लेकर अनेक मान्यताएं भी मानी जाती हैं। दरअसल आपको बता दे, कि लोगों का मानना है, कि विक्रमी संवत 1584 चतुर्भुज नामक बंजारे ने गर्म पानी की खोज करके इस स्थान का नाम साखमजति महाराज रखा था। जी हां दरअसल आपको बता दें, की सन् 1900 में केशवानंद नामक महाराज ने पवित्र सरोवर की गुंबद पर अष्टधातु निर्मित कलश का निर्माण करवाया था। 

इस 800 वर्ष पुराने कुंड का गर्म जल कई बीमारियों के लिए सेहतमंद है


सोहाना के  इस सरोवर को तीर्थ स्थल के रूप में भी जाना जाता है। कुंड के गर्म जल को लेकर अनेक मान्यताएं भी हैं। अक्सर ऐसा लोगों का मानना है कि इस जल के सेवन से कई बीमारियां व रोग दूर हो जाते हैं। अरावली पर्वतमाला की तलहटी में स्थित सोहना कस्बा अपनी प्राकृतिक संपदा के कारण प्रसिद्ध है। जो की दिल्ली से करीब 50 KM व साइबर सिटी गुरुग्राम से 25 KM दूरी पर स्थित है। दरअसल आपको बता दें, कि यह विश्व प्रसिद्ध स्थान होने के कारण आज भी हजारों की संख्या में पर्यटक यहां पर आते जाते हैं। आपको बता दे कि इस कस्बे के करीब 800 वर्ष प्राचीन गर्म जल सरोवर (कुंड) ने सोहना का नाम पर्यटन के मानचित्र पर अंकित कर दिया करके इतिहास रच दिया है। लोगो द्वारा ऐसा बताया है, कि