ग्रामीण विकास मंत्रालय की नई पहल, मनरेगा कार्यों की निगरानी में ड्रोनों का उपयोग

 

Yuva Haryana : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत कार्यों की निगरानी में ड्रोनों का उपयोग करने की नई नीति की घोषणा की है। इस नीति के अनुसार, ड्रोनों की मदद से चल रहे मनरेगा कार्यों की निगरानी की जाएगी, जिससे भ्रष्टाचार के मामलों को रोकने में मदद मिलेगी।

ड्रोनों के उपयोग से अब पूर्ण हो चुके कार्यों की जांच और उनके मूल्यांकन की जाएगी, जो न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि गुणवत्ता को भी सुनिश्चित करेगी। मनरेगा के तहत लगातार बढ़ते भ्रष्टाचार के मामलों को भी ड्रोनों के माध्यम से सुलझाया जा सकेगा।

मंत्रालय ने बताया कि ड्रोनों के उपयोग से पहले और बाद में कार्यों की तस्वीरें ली जाएंगी और निगरानी की जाएगी, जिससे कार्यों की प्रगति का सटीक अनुभव हो सकेगा। निरीक्षण के लिए ड्रोन का उपयोग करने से सभी कामों की गुणवत्ता और योग्यता की सुनिश्चितता में वृद्धि होगी।

इस नयी पहल के अंतर्गत, ड्रोनों के लिए राज्य सरकारों को अतिरिक्त धनराशि नहीं दी जाएगी, बल्कि इनके लिए मनरेगा के तहत आवंटित राशि से आकस्मिक व्यय के लिए निर्धारित की जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि ड्रोनों का उपयोग केवल कार्यों की निगरानी में हो और उनका उचित और प्रभावी उपयोग हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पहल को स्वागत किया है और बताया कि इससे महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन चलाने और मरम्मत के लिए ऋण और प्रशिक्षण देने की संभावना है।

इस प्रयास से मनरेगा के कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। ड्रोनों के उपयोग से निगरानी का स्तर नए उच्चांशों को प्राप्त हो सकता है, जो भारतीय ग्रामीण समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।