आठवीं कक्षा की फेलियर रुकमणी ने,IAS के पहले ही प्रयास में हासिल की दूसरी रैंक।

yuva Haryana : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में एक है। लेकिन बता दें,कि हर साल इस एग्जाम को काफी लोग देते हैं। लेकिन फाइनल सिलेक्शन तक कुछ एस्पिरेंट्स ही क्लियर कर पाते हैं।
आज हम एक ऐसी फैलियर एस्पिरेंट्स की सक्सेसफुल स्टोरी का जिक्र करेंगे जिसको सुनकर बाद आप भी कई ज्यादा प्रभावित होंगे। जी हां आपको बता दें,कि स्कूल में एक बार फेल भी हुईं। लेकिन उन्होंने
अपनी मेहनत पर बल दिया। इसके बाद टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से पीजी किया, और फिर पहले प्रयास में ही यूपीएससी क्रैक करके आईएएस बनीं। बता दें, कि इनका नाम आईएएस रुक्मिणी रियार है।
रुक्मिणी रियार ने प्राप्त की थी अपनी शिक्षा।
रुक्मणि रियार का जन्म, साल 1987 में पंजाब के गुरदासपुर में हुआ था। वह स्कूल के समय में आठवीं कक्षा में फेल हो गई थी। बता दें, कि उनकी स्कूलिंग गुरुदासपुरम में हुई थी, और फिर स्केयर्ड हर्ट स्कूल, डलहौजी में हुई है। इसके बाद उन्होंने अमृतसर से गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी, ग्रेजुएशन की थी।
फिर उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) से अपनी पीजी की डिग्री ली थी। आपको बता दें, कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने मैसूर में अशोद्यार के साथ ही उन्होंने मुंबई में अन्नपूर्णा महिला मंडल के एनजीओ में इंटर्नशिप पूरी की। फिर उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा मे बैठने का फैसला किया, और अपनी तैयारियां शुरू की।
ख्वाबों को देखने के साथ-साथ उन्हें पूरा भी किया।
साल 2011 में रुक्मिणी रियार ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी, और बता दें कि उन्होंने पहले ही प्रयास में न सिर्फ उनका सेलेक्शन हुआ साथ ही वह ऑल इंडिया की दूसरी रैंक लाकर अपने परिवार ही नही बल्कि पूरे देश का नाम भी रोशन किया । हालांकि बता दें,कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं की थी। बता दें कि उनकी खुद की मेहनत की वजह से कामयाबी उनके कदम चूमती है।हालांकि उन्होंने बताया कि वह एनसीईआरटी की छठवीं से 12वीं कक्षा तक की किताबों पर भरोसा किया। साथ ही न्यूजपेपर और मैगजीन नियमित तौर पर पढ़ती ही क्रेक किया ।