हरियाणा के युवा और मृत लोगों को दी गई वृद्धा पेंशन हरियाणा सरकार में अब होगी सीबीआई की जांच
May 26, 2023, 13:17 IST

सीबीआई जांच के दौरान पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि वृद्धा पेंशन घोटाले का खुलासा कैग की रिपोर्ट में हुआ था इस रिपोर्ट के दौरान हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने किया पेंशन घोटाला lअब हरियाणा की विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार इसे एक मुद्दा बना सकती है।
आखिर घोटाले के पीछे का क्या था पूरा राज
याचिकाकर्ता के वकील प्रदीप रापड़िया ने अपने बयान में जाहिर किया की हरियाणा सरकार ने पेंशन देने के मामले में घोटाला किया है व उन्होंने यह भी बताया कि वृद्धावस्था पेंशन के नाम पर 40 साल से कम उम्र वालों को भी इस पेंशन का दावेदार बनाया गया था फिलहाल उन्होंने यह आरोप लगाते हुए यह स्पष्ट किया है कि मृत लोगों को भी वृद्धावस्था पेंशन दी जा रही थी
आपको यह भी बता दें कि कुछ लोग किस प्रकार सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त होने के पश्चात भी वृद्धावस्था पेंशन का लाभ उठा रहे थे इससे संबंधित कई व्यक्ति दोहरी पेंशन ले रहे थे उन्होंने यह बताया कि इस घोटाले के मामले में याचिकाकर्ता राकेश बैंस के द्वारा सीबीआई ईडी और हरियाणा सरकार को पत्र लिखा गया था |
कोर्ट द्वारा अब तक की मांगी गई जानकारी
सन 2011 में जब हुड्डा की सरकार थी उस वक्त की रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी एक बहुत बड़ा घोटाला है परंतु इस मामले में कैग की रिपोर्ट पर भी उचित कार्यवाही नहीं की गई इसके बाद यह कि सरकार ने एक्शन लेते हुए कैग की रिपोर्ट को सरकार के पास भेजा गया हालांकि उसके बाद सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई ।
आपको बता दें की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई और समाज कल्याण विभाग के प्रधान याचिका से 2011 से अभी तक की हुई कार्यवाही जानकारी मांगी थी जानकारी के दौरान यह भी पूछा गया कि जिस दौरान से यह घोटाला हुआ है उस दौरान कौन-कौन से आईएएस अधिकारी संबंधित विभागों में तैनात थे। जिनकी इस मामले में कार्यवाही करने की जिम्मेदारी बनती थी
अफसरों के खिलाफ लिया जा सकता है एक्शन
दरअसल आपको बता दे की इस पूरे मामले के दौरान सुनवाई के समय एंटी करप्शन ब्यूरो और सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट की ओर से इस मामले में एफिडेविट कोर्ट में पेश किया गया । एफिडेविट में जानकारी के दौरान फिलहाल 7 करोड से अधिक की रिकवरी किया जाना बाकी है।
आपको यह भी बता दें कि यादव के मुताबिक उन्होंने एफिडेविट में जानकारी दी है लेकिन यह घोटाला इससे भी ज्यादा का है और जानकारी में यह भी सामने आया है कि इस पूरे घोटाले के मामले में तकरीबन 10 से 15 आईएएस अधिकारी इन विभागों में तैनात थे जो की इन सब के लिए यह जिम्मेदार थे उन्होंने यह भी जानकारी दी है की इस मामले में एक भी f.i.r. भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दर्ज नहीं हुई यह है