ISRO News : चंद्रयान-3 को विदाई देने वाली आवाज सदा-सदा के लिए हुई खामोश, महिला वैज्ञानिक एन वलारमथी नहीं रही

 

Yuva Haryana : चंद्रयान-3 को चांद पर लैंड करवाकर पूरे विश्व में इंडिया का डंका बजा था और खुशी मनाई गई थी। लेकिन अब दुख की बात ये है कि चंद्रयान-3 को जब चांद के लिए भेजा जा रहा था तो इसे विदाई देने वाली जो आवाज थी, वह अब दोबारा सुनने को नहीं मिलेगी।

जी हां। महिला वैज्ञानिक एन वलारमथी, जिन्होंने मिशन चंद्रयान के दौरान चंद्रयान-3 को लांचिंग के दौरान काउंटडाउन में आवाज दी थी, उनका निधन हो गया है। महिला वैज्ञानिक एन वलारमथी को हार्ट अटैक आ गया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। एन वलारमथी को वाइस ऑफ इसरो भी कहा जाता था। 

बता दें कि इसरो के जितने भी मिशन होते थे तो मिशन की लांचिंग के दौरान जो तीन....., दो...., एक.. बोला जाता था, वह महिला वैज्ञानिक एन वलारमथी की आवाज़ में ही काउंटडाउन होता था। वलारमथी इसरो का बेहद अहम हिस्सा रही। इसरो की काउंटडाउन वाली यह आवाज अब सदा के लिए शांत हो गई है, जो हमने चंद्रयान-३ की लॉन्चिंग के दौरान बड़े ध्यान से सुनी थी। 

एन वलारमथी का मिशन चंद्रयान-3 उनका आखिरी मिशन रहा। चंद्रयान-3 की विदाई करके वह अब खुद भी इस दुनिया से विदा हो गईं। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।

बताया जा रहा है एन वलारमथी को हार्ट अटैक आया और जिसके बाद उनकी सांसें थम गईं। हार्ट अटैक आते ही उसे चेन्नई के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था, वहां उनका ट्रीटमेंट शुरू किया लेकिन वह नहीं बच पाई। एन वलारमथी की उम्र 64 साल थी। एन वलारमथी को वाइस ऑफ इसरो भी कहा जाता था। 

एन वलारमथी इसरो का बेहद अहम हिस्सा रही। वह भारतीय वैज्ञानिक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित रडार इमेजिंग सैटेलाइट-1  की परियोजना निदेशक रहीं थीं। वलारमथी को विज्ञान क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। एन वलारमथी तमिलनाडु के अरियालुर की रहने वालीं थीं। तमिलनाडु में ही उनकी शिक्षा भी हुई।