PGI रोहतक में जन्म -मृत्यु पंजीकरण में मिली गड़बड़ी, जिम्मेदार रजिस्ट्रार को किया रिलीव

 

Yuva Haryana : पीजीआई (PGI) रोहतक (Rohtak) में जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। इस मामले में पीजीआई निदेशक ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
 
दरअसल, रोहतक के सर्जन सह जिला रजिस्ट्रार द्वारा गठित एक समिति ने पिछले सात वर्षों साल 2016 से 2023 में  पीजीआई के कर्मचारियों द्वारा सीआरएस पोर्टल पर 4000 से ज्यादा जन्म और इतनी ही संख्या में मौतों को अपंजीकृत पाया है। 
 
मामले को गंभीरता से लेते हुए पीजीआई के निदेशक ने संबंधित विभाग के उप चिकित्सा अधीक्षक, सह रजिस्ट्रार को न केवल पीजीआई से रिलीव कर दिया बल्कि तत्काल प्रभाव से उन्हें उनके मूल स्वास्थ्य विभाग में भी भेज दिया गया। 
 
पीजीआई निदेशक ने अपर मुख्य सचिव को भी पत्र लिखकर सह रजिस्ट्रार को चार्जशीट जारी करने और उनके खिलाफ आगे की आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध भी किया है। 
 
आपको बता दें कि आदेश के अनुसार सात मार्च को सिविल सर्जन ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण की तारीख में उल्लंघन के बारे में पीजीआई अधिकारियों को सूचित किया था। इसके बाद में समिति ने सीआरएस पोर्टल पर डेटा अपलोड करने में अनियमितताओं की जांच के लिए रिकॉर्ड का निरीक्षण किया। 
 
जांच में पाया गया कि 4000 से अधिक जन्म अपंजीकृत थे और लगभग इतनी ही संख्या में मौतें अपंजीकृत थी।
 
एक प्रमुख अखबार में प्रकाशित सिविल सर्जन के बयान के अनुसार यह मामला तब सामने आया जब लिंगानुपात में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया। इसके बाद एक कमेटी का गठन किया गया, जिसने पीजीआई में रिकॉर्ड का निरीक्षण किया। 
 
वहीं इस बीच मामले में जिम्मेदार सह रजिस्ट्रार का कहना है कि उनके कार्यालय में कर्मचारियों की भारी कमी थी जिस कारण पोर्टल पर जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया। इस बारे पीजीआई को कई बार अवगत करवाया जा चुका था।