हरियाणा में भ्रष्टाचारियों पर सख्त हुई सरकार, स्वतंत्र तरीके के आदेश पारित कर सकेंगे आधिकारी

हरियाणा में भ्रष्टाचारियों पर सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है जिसे लेकर भ्रष्टाचारियों पर केस दर्ज करना सरकार ने और आसान कर दिया है। सरकार की ओर से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-19 के तहत स्वीकृति जारी करने के लिए मानक प्रारूप निर्धारित कर दिए हैं। राज्य के मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडल आयुक्तों व जिला उपायुक्तों को इस संबंध में पत्र जारी किया गया है
CS ने ये आदेश किए जारी
भ्रष्टाचार मामलों में आगे आवश्यक कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा-19 (1) (बी) एपेंडिक्स-ए तथा धारा-19 (1) (सी) एपेंडिक्स-बी के तहत स्वीकृति जारी करने के लिए मानक प्रारूप निर्धारित किया है। यह स्पष्ट किया जाता है कि सक्षम प्राधिकारी इसे एक रेफरेंस के रूप में उपयोग कर सकते हैं। साथ ही सोच विचार कर स्वतंत्र रूप से अपना आदेश पारित कर सकते हैं।
30 मामलों में मिल चुकी मंजूरी
दिसंबर 2022 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के तहत लंबित 30 अलग-अलग मामलों में विभागों या सक्षम प्राधिकारी द्वारा अधिकारियों, कर्मचारियों और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के विरुद्ध चल रहे अक्टूबर माह तक के मामलों में अभियोजन की मंजूरी दी जा चुकी है।
3 माह में देनी होती है मंजूरी
राज्य एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की ओर से विभागों को अभियोजन की मंजूरी देने के लिए जारी पत्र के 3 माह के अंदर-अंदर सक्षम प्राधिकारी को अभियोजन की मंजूरी देनी होती है। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि निर्धारित समय में मंजूरी दी जाए, ताकि आगामी कार्रवाई को जल्द अमल में लाया जा सके।