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महिलाओं की गद्दी पर पति जमा रहे राज, मुख्यमंत्री ने किया उनका यह हाल, दी कड़ी नसीहत

 
पंचायतों में महिलाओं को 50% आरक्षण मिलने के बावजूद भी कुछ परिवार अभी भी ऐसे हैं, जो महिलाओं को खुलकर काम नहीं करने दे रहे और उन पर अभी भी रोक-टोक जमा रहे हैं। इन्हीं परिवार के लोगों ने महिलाओं को आगे ना बढ़ने की सीख दी है लेकिन अनावश्यक चौधर दिखाने वाले ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने फटकार लगाते हुए बहुत अच्छी सीख दी है।
सोमवार को हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सभी को अच्छा सबक सिखाया। जहां जिला परिषद चेयरमैन की बैठक में महिलाएं चेयर पर्सन के अलावा उनकी गद्दी के ऊपर बैठे उनके पति बैठे दिखाई दिए। जिसे देखकर सीएम बहुत नाराज हो गए और उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। जिसके बाद सीएम ने महिला चेयर पर्सन से प्रश्न किया कि आखिर वह चाहती क्या है, कि आप के प्रतिनिधि बैठक में शामिल हो! 
जिस पर उनका कहना था कि एक वह समक्ष है और ना केवल बैठक में शामिल होंगी बल्कि अपने फैसले भी वह खुद ही लिया करेंगे। इस दौरान के साथ विकास इस पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली भी शामिल थे। जब उनका कहना था कि मुख्यमंत्री ने जिला परिषद चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ जिला परिषदों के फंड में बढ़ोतरी एवं उनके कार्य को लेकर चर्चा की। 
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मुख्यमंत्री का कहना है कि सरकार पंचायती राज संस्थाओं को और ज्यादा मजबूत करना चाहती हैं और उनके अधिकारों को भी आगे बढ़ने का बढ़ावा देना चाहती हैं। सबसे पहले सभी जिला परिषदें अपने कार्यालय भवन का अच्छी तरह निर्माण करें , फिर अपना अलग से कार्यालय भवन हो जिसके बाद उन्होंने कहा कि एक अलग इंजीनियरिंग विंग भी होना चाहिए । जिनका अपना करोड़ों रुपए का बजट होगा और वह स्वतंत्र निर्णय भी ले सकेंगे। 
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री द्वारा जिप चेयरमैन को भी उनकी जिम्मेदारी सौंपी है। इसमें उन्होंने चेयरमैन के लिए बस क्यूं शोल्टर , ईलाइब्रेरी बनाने का कार्य सौंपा है इसके अलावा उन्होंने शिवधाम योजना के तहत रास्ते चारदीवारी और उसमें जल का कार्य भी सही से कराने को कहा है। हर ब्लॉक में अधिक आबादी वाले 5 गांव में स्ट्रीट लाइट, स्कूल, मरम्मत और 5 करम के रास्ते को पक्का बनाने का काम सौंपा है।
जिसके बाद उनका कहना है कि स्वच्छ भारत अभियान को भी दिमाग में रखते हुए कहा कि घर-घर कूड़ा एकत्र करने की प्रक्रिया को जल्द शुरू कर देना चाहिए। योजना के तहत बायोडिग्रेडेबल और नॉन बायोडिग्रेडेबल अलग अलग किया जाना चाहिए। वही मुख्यमंत्री का कहना है कि कार्यकारी अधिकारी की बैठक अलग महीने तथा जिला परिषद के चेयरमैन की बैठक अलग 3 महीने में हर बार रखी जाएगी। जिससे हम काम को और ज्यादा अच्छे से कर सकें।
जिसके बाद मुख्यमंत्री का कहना था कि 2 जिलों में जिला परिषदों के भवन निर्माणाधीन है और दो अन्य जिलों में भवनों के निर्माण का कार्य जल्द शुरू हो जाएगा और जिला परिषदों को 110 करोड़ रुपए का जो बजट अलॉट किया गया है, उसे वह जल्द खर्च करेंगे और निर्माण पूरा होगा। 
मुख्यमंत्री का कहना है यह भी था कि जिला परिषद इमानदारी और एकजुट होकर काम करते हैं। विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। हर जिले के सौंदर्यीकरण के लिए बेहतर योजनाएं बनाई जाएंगी और सभी नागरिकों को ज्यादा से ज्यादा फायदा होगा। Meeting