हरियाणा की मीनू ने फतह किया माउंट एवरेस्ट, ल्होत्से के लिए बढ़ी आगे, अनीता कुंडू की तबीयत बिगड़ी

Yuva Haryana: हरियाणा के हिसार डाटा गांव की पर्वतारोही मीनू ने माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल कर ली है । मीनू ने बुधवार सुबह 6:25 पर माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था मीनू आज शुक्रवार को माउंट लहोत्से भी फतेह कर लेंगी । मीनू के पिता कृष्ण कुमार एक किसान है।
परिवार की कमज़ोर आर्थिक स्थिति होने के कारण पिता ने 35 लाख रुपए का कर्ज लेकर बेटी के सपने को पूरा करने के लिए उसे प्रोत्साहित किया था । वही बेटी ने भी विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फैलाकर अपने पिता का नाम रोशन कर दिया है।
बीच में मौसम खराब होने के कारण मीनू को कई दिनों तक बेस कैंप में रुकना पड़ा था । फिर भी उसके हौसले ने हार नहीं मानी और पहली बार में ही विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर दिखाया ।
मीनू के पिता कृष्ण कुमार ने बताया कि बुधवार को सुबह 6:45 पर मीनू के साथ गए टीम के सदस्य बोधराज से सेटेलाइट से कुछ मिनट ही बात हुई थी उन्होंने कहा कि मीनू ने माउंट एवरेस्ट को फतह कर लिया है।।
मीनू के पिता बताते हैं कि माउंट एवरेस्ट से माउंट लहोत्से करीब 150 से 200 मीटर नीचे है । यदि मौसम ने साथ दिया तो मीनू शुक्रवार को माउंट ल्होत्से भी फतह कर लेगी । 11 मई को मीनू से कुछ मिनट के लिए ही बात हुई थी । इसके बाद टीम के सदस्यों से ही बात हो पाई है। अब बेटी 21 मई को बेस कैंप में वापस पहुंचेगी। इसके बाद ही बेटी से बातचीत हो पाएगी।
मीनू 1 अप्रैल को हिसार से रवाना हुई थी । हिसार के श्यामलालबाग की रहने वाली पर्वतारोही रीना भाटी भी 1 या 2 दिन में माउंट एवरेस्ट फतह कर लेंगी । बीते मंगलवार को रीना की मां बाला देवी से बात हुई । इस दौरान रीना ने कहा कि अभी मौसम खराब होने के कारण वह कैंप में ही है। मगर 2 दिन से परिवार के सदस्यों से रीना का संपर्क नहीं हो पा रहा है । रीना भी मीनू की तरह पहली बार ही एवरेस्ट फतह करने के लिए निकली है।
वही हरियाणा के फरीदपुर की बेटी पर्वतारोही अनीता कुंडू ने बुधवार को माउंट मकालु पर्वत की चोटी पर तिरंगा फहरा दिया है । अनीता के सहयोगी रमेश कुमार ने बताया कि वीरवार को 8:30 बजे अनीता से सेटेलाइट पर बात हुई थी।
इस दौरान उन्होंने कहा कि उसकी तबीयत बिगड़ी हुई है मुंह में छाले हो चुके हैं बहुत थक चुकी है। अनीता अब वापस कैंप आ रही है । मौसम साफ रहा तो वह शुक्रवार को बेस कैंप पहुंच जाएगी अनीता ने बताया कि अब तक का यह सबसे कठिन अभियान रहा है।