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Haryana News: हरियाणा में डिप्टी सीएम के PSO के नाम पर ठगी, संदिग्ध अकाउंट में कुछ लोगों ने डाल दिए लाखों रुपए

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर ने आरोप लगाया है कि कोई व्यक्ति उनकी तस्वीरें और नाम का इस्तेमाल करके सोशल मीडिया के जरिए उनके दोस्तों से पैसे की मांग कर रहा है। उन्होंने इस दौरान यह भी बताया कि अब तक उनके पहचान वाले कम से कम 4 लोग 1.75 लाख रुपये संदिग्ध के अकाउंट में डाल चुके हैं।

 

Haryana News: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर ने आरोप लगाया है कि कोई व्यक्ति उनकी तस्वीरें और नाम का इस्तेमाल करके सोशल मीडिया के जरिए उनके दोस्तों से पैसे की मांग कर रहा है। उन्होंने इस दौरान यह भी बताया कि अब तक उनके पहचान वाले कम से कम 4 लोग 1.75 लाख रुपये संदिग्ध के अकाउंट में डाल चुके हैं।

शिकायतकर्ता राम प्रकाश सांगवान जो कि चरखी दादरी के रहवासी हैं, ने साइबर पुलिस का दरवाजा खटखटाया है। साइबर पुलिस के वेस्ट स्टेशन पहुंचे और एख शिकायत दर्ज कराई है। उनकी दी हुई जानकारी के अनुसार पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि संदिग्ध ने उनके सोशल मीडिया अकाउंट से उनकी प्रोफाइल पिक्चर ली है।

उन्होंने बताया, संदिग्ध व्यक्ति व्हाट्सएप पर मेरी तस्वीर का उपयोग कर रहा है और मेडिकल इमरजेंसी का बहाना करते हुए मेरे दोस्तों, परिचितों और रिश्तेदारों से पैसे मांग रहा है। संदिग्ध सहानुभूति हासिल करने के लिए अस्पताल में एक बच्चे की तस्वीर भी शेयर कर रहा है।

राम प्रकाश को इस धोखाधड़ी की भनक तब लगी जब उनके एक दोस्त ने उन्हें बताया कि उसने संदिग्ध द्वारा दिए गए अकाउंट नंबर में एक लाख रुपये ट्रांसफर किए हैं। हालांकि, प्रकाश ने अपने दोस्त से कहा कि उसने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है। सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) प्रीत पाल सांगवान ने कहा कि राम प्रकाश के दोस्त ने उन्हें बताया कि उन्हें व्हाट्सएप पर एक रिक्वेस्ट मिली थी और उन्होंने पैसे ट्रांसफर कर दिए।

सांगवान ने कहा कि बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि किसी ने उनकी तस्वीर एक नंबर पर अपलोड की और लोगों से पैसे मांगना शुरू कर दिया था, एसीपी ने बताया कि पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66सी और 66डी के तहत एक अज्ञात संदिग्ध के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

साइबर पुलिस स्टेशन पश्चिम स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) अमित कुमार ने कहा कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि संदिग्ध ने कितने लोगों को ठगा है। आईपी, एड्रेस और बैंक खाते के विवरण का उपयोग करके टीमें अभी तक संदिग्ध का पता नहीं लगा पाई हैं। संदिग्ध को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।