जल की कमी से जूझ रहा हरियाणा,जल को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही सरकार ,जानिए क्या है सरकार का प्लान?

 

Yuva Haryana: हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के द्वारा पूरे प्रदेश के आंकड़े दर्ज किए गए हैं। भू-तल का जल स्तर काफी कम होता जा रहा है। दरअसल, आपको बता दें, कि हरियाणा जल की कमी के चलते जूझ रहा है। अब हरियाणा में भी जल की कमी हो गयी है। बता दे, कि जल संसाधन प्राधिकरण के द्वारा आंकड़े दर्ज किए गए हैं।

जो कि 1948 गांव रेड जोन में आ चुके हैं। अब प्रदेश के कुल 7287 गांवों में से केवल 1304 गांव ही ग्रीन जोन में हैं। जबकि 6150 गांवों का भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। हरियाणा में भूजल स्तर का कम होना, चिंता का एक बहुत बड़ा विषय का कारण बन चुका है। आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे, कि 84 प्रतिशत से अधिकतर गांवों में भूजल का स्तर अत्यधिक नीचे तक पहुंच गया है।

*सरकार द्वारा किए गए प्रयास।*
हालांकि हरियाणा सरकार ने जल की कमी को मध्य नजर रखते हुए, जल संरक्षण के लिए काफी योजनाएं चलाई है। बता दें, कि सरकार प्रशासनिक सचिवों के साथ, दो साल की भूजल बचत कार्ययोजना तैयार की गयी है। अब हरियाणा की सरकार ने, जल संरक्षण से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने के लिए गांव को 7 श्रेणियों में बांटा गया है।
जिसके आधार पर जल के घटने बढ़ने पर सरकार की निगरानी की जाएगी। 30 मीटर से अधिक जल स्तर वाले गांव को अब गंभीर श्रेणी में रखा जाएगा,और उन गांवों को लाल रंग से दर्शाया जाएगा, 20 से 30 मीटर जल स्तर वाले गांवों को मध्यम श्रेणी में रखा जाएगा और इन गावों को गुलाबी रंग से दर्शाया जाएगा।
बता दें, कि 10 से 20 मीटर तक वाले क्षेत्र को संभावित तनावग्रस्त मानते हुए, उन्हे हल्का हरा रंग से दर्शाया जाएगा और अच्छे जल स्तर श्रेणी मैं रखकर हरे रंग से दर्शाया जाएगा।
डेढ़ मीटर से कम जल स्तर वाले गांवों को गंभीर जल-जमाव के रूप में वर्गीकृत करके, इन गांव को नीले रंग से दर्शाया जाएगा। हालांकि आपको बता दें, कि कुछ राज्यों में अति दोहन सरकार के द्वारा प्रदेश के 141 खंडों में भूजल स्तर को लेकर सर्वे किया गया है। इनमें से 30 को सुरक्षित, 12 को क्रिटिकल, 14 को सेमी-क्रिटिकल और 85 को अति-शोषित माना गया है। सरकार जल को बचाने के लिए, अपने सारे प्रयास कर रही है। ताकि भूजल स्तर का पूर्ण नियंत्रण करके जल को बचाया जा सके।