आधुनिक खेती कर किसान को हो रहा है तीन गुना मुनाफा, बन रहा है प्रेरणा

 
Yuva Haryana: भारत में पारंपरिक की खेती की बजाय आधुनिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. ताकि किसानों की आय को बढ़ाया जा सके. खेती को घाटे का सौदा माना जाता है. इसीलिए अब खेती की नई तकनीकों पर ज्यादा ज़ोर दिया जा रहा है . 
उन्नत कृषि के नए तकनीकी साधनों में पॉली हाउस की बात होती है जिसे हम ग्रीन हाऊस के नाम से भी जानते हैं. उन्नत कृषि के इस तकनीक को खासा बढ़ावा मिल रहा है. इसी के मद्देनज़र पंचकूला में, जहां कृषि के लिए सिंचाई के लिए ट्यूबवेल और बारिश के पानी के सीमित साधन उपलब्ध हैं, 
वहां उन्नत कृषि के लिए ग्रीन हाऊस के प्रति किसानों का रूझान दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. मोरनी हिल्स जैसे क्षेत्र में किसानों का ग्रीन हाऊस के प्रति बढ़ता रुझान इस विषय का जीता जागता उदाहरण है.
पंचकूला के मोरनी में खीरे की आधुनिक खेती करने वाले किसान नरेंद्र कौशिक बताते हैं कि शुरुआत में उन्होंने करीब ढाई लाख की लागत के साथ अपना खेती शुरू की थी .और आज वे इससे दो से तीन गुना ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं.
इतना ही नहीं नरेंद्र आधुनिक खेती के अपने इस काम को और ज्यादा बढ़ाने की भी सोच रहे हैं. नरेंद्र ने इसके साथ ये भी बताया की आधुनिक खेती की शुरुआत करने से पहले उन्हे सरकार की ओर से 5 दिन की प्रशिक्षण भी दिया गया था.उसी प्रशिक्षण की बदौलत नरेंद्र खीरे की आधुनिक खेती शुरू कर पाए, और आज नरेंद्र बाकि के किसानों को रोजगार दे रहे हैं.
सरकार किसानों की कर रही भरपूर मदद
नरेंद्र बताते हैं की सरकार की ओर से उनकी पूरी सहायता की जाती है. बागवानी विभाग की ओर से किसानों को प्रशिक्षण से लेकर बीज, खाद दिया जाता है.वहीं योजना के तहत सरकार से मिलने वाले अनुदानों, मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी बागवानी विभाग किसानों की ओर खास ध्यान देता है.
जिले में कृषकों के हित को ध्यान में रखते हुए बागवानी विभाग की ओर से योजनाओं के अनुरूप लाभार्थी बनाने की पुरजोर कोशिशें की जाती है . वहीं जिले के अधिकतर किसान आधुनिक कृषि के प्रयोगों को लेकर जितना ज्यादा उत्साहित हैं उतना ही ज्यादा सरकारी योजना को उन किसानों तक पहुंचाने की कोशिशें की जाती रही है.