साइबर ठगी: देश का दूसरा जामताड़ा बन रहा है मेवात , अब बंगाल की सिम करने लगे है ठगी

 

Yuva Haryana: टेक्नोलॉजी का प्रयोग साइबर क्राइम के लिए भी बड़े जोरों शोरों से किया जा रहा है ।कभी किसी के अकाउंट से क्लिक के जरिए अकाउंट खाली कर दिया जाता है। तो कभी एक कॉल के जरिए पैसे हड़प लिए जाते हैं आपके पास भी अनजान नंबर से बहुत कॉल आते होंगे।

यदि आप इन अननोन कॉल्स को ट्रूकॉलर पर चेक करते हैं तो ज्यादातर नंबर बेंगलुरु या बंगाल लिखा दिखाई देता है गलती से भी इन नंबर्स को के कॉल को रिसीव ना करें वरना एक झटके में आपका अकाउंट भी खाली हो सकता है।

मेवात क्षेत्र में साइबर ठग इस समय नए तरीके से ठगी करने का प्लान कर रहे हैं । प्रशासन द्वारा सख्ती जताए जाने पर उन्होंने अब बंगाल के सिम कार्ड से ठगी करते हुए इस वारदात को अंजाम देते हैं ।  यूं ही नहीं मेवात को नुहू जिले का दूसरा जामताड़ा कहा जाने लगा है । मेवात के गांव में हर दूसरे तीसरे घर में इन ठगो  का नेटवर्क पनप रहा है ।


जहां से बैठकर देश के विभिन्न इलाकों के लोगों को मोबाइल फोन के जरिए ठग रहे हैं । छह माह में इन ठगो द्वारा  28 हजार से अधिक लोगों के साथ ठगी के मामले सामने आए है। जिसकी कीमत 20 हजार रुपए से शुरू होती है । बंगाल के यह सिम कार्ड सड़क मार्ग द्वारा पहुंचाए जाते हैं।

इस कार्य के लिए ठगों ने एजेंट रखे हुए हैं जिन्हें विमान का टिकट भी मुहैया करा दिया जाता है मेवात क्षेत्र में ठगी का पैकेज 20 हजार से लेकर  1 लाख तक का है । इन पैकेज में पहले से एक्टिवेट किए हुए सिम कार्ड के साथ फर्जी आधार कार्ड और बैंक खाता होता है । बैंक खाता भी उसी व्यक्ति के नाम पर होता है जिसके नाम के आधार कार्ड पर सिम कार्ड लिया जाता है ।

साइबर ठग पॉइंट ऑफ सेल मशीन का प्रयोग कर या फिर जन सुविधाओं केंद्र पर जाकर रकम की निकासी करते हैं जन सुविधा केंद्र के कर्मचारियों को भी ठगी में हिस्सा बना लिया जाता है।

बंगाल सीमा के क्षेत्र में फर्जी आधार कार्ड से एक्टिवेट किए जा रहे सिम कार्ड बड़ी संख्या में बांग्लादेश से नूह तक पहुंचाए जाने का कार्य मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों के डीलरों के कर्मचारी ठगों की मदद करते हैं।


कैसे फासते है शिकार 

फ्री गिफ्ट घर बैठे पार्ट टाइम नौकरी का लालच देते हैं इसके अलावा ऑनलाइन खरीदारी और सस्ती कीमत पर महंगे उत्पाद उपलब्ध कराने के नाम पर ठगी की जाती है एक बार कोई इनके जाल में फंस जाता है।

 तो कस्टम ड्यूटी डिलीवरी चार्ज के नाम पर और वसूली की जाती है ।मेवात क्षेत्र में साइबर का ठग एक सिम का प्रयोग केवल 3 से 4 दिन ही करते हैं जैसे ही एक सिम से 4 या 5 लोगों से अधिक ठगी इस सिम को तोड़ कर फेंक देते हैं जिससे पुलिस उनकी तलाश नहीं कर पाती है और फिर ठगी के लिए दूसरे सिम का उपयोग किया जाता है