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खुदाई में निकली मूर्ति के पुलिस ने बनवाए बिस्कुट, एडीजीपी ने लिया यह सख्त एक्शन, जानिए पूरा मामला

 

Yuva Haryana : उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर निवासी बबलू के खेतों में मिली बेशकीमती मूर्ति के बिस्कुट बनाकर खुद-बुर्द करने पर हरियाणा के हिसार रेंज के एडीजीपी ने सख्त एक्शन लिया है। मामले में एडीजीपी ने हांसी सीआईए-टू इंचार्ज सहित आठ पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए है। इनमें इंचार्ज नितिन तरार, बालकिशन, सज्जन सिंह, सुरेश, रविंद्र सिंह, जुगवेंद्र सिंह, विजय, सुनील का नाम शामिल है।

दरअसल, मामला यूपी के टकलू गैंग के सदस्य से प्राचीन मूर्ति को कब्जे में लेकर उसे मालखाने में जमा न करवाने और सुनार से उसके आठ बिस्किट बनवाने का है। शिकायतकर्ता बबलू के अनुसार वह भिवानी जिले के सिकंदरपुर गांव स्थित पटाखा फैक्टरी में काम करता था। दिसंबर, 2022 में गांव में वह अपने दोस्त बाबा रामदाससे मिला तो उसने बताया कि उसको कहीं काम करते हुए एक मूर्ति मिली है। 

इसके बाद मूर्ति की जांच करवाने के लिए उसने हिसार में एक ज्वैलर्स से बात की तो उसने उसको हिसार में बुलाया और बताया कि यह मूर्ति 80 प्रतिशत सोने की है। इसके बाद वह हांसी चला गया गया जहां पर बस स्टैंड से ज्वैलर्स ने उसका अपहरण कर लिया और हांसी सीआईए-2 में ले गया जहां पर उसके साथ मारपीट की और मूर्ति छीन ली गई।

बबलू ने छह मार्च को उस समय के आईजी राकेश आर्य को भी शिकायत दी थी। आईजी नेशिकायत को हांसी पुलिस अधीक्षक को मार्क किया था। शिकायतकर्ता के अनुसार जब वह 13 मार्च को हांसी सीआईए-2 प्रभारी से मिला तो उन्होंने उसको धमकी दी और दोबारा थाने में न आने को कहा।  

इसके बाद हांसी सीआईए-2 ने करीब साढ़े तीन किलोग्राम मूर्ति को पिघलाकर उनके आठ बिस्कुट बना लिए थे। मामले को खुद-बुर्द करने के चलते अब एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने एक्शन लिया और सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 166-ए, 201, 217, 409, 420 व 120-बी के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। 

मामले की जानकारी देते हुए एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने बताया कि पुलिस कर्मचारियों ने सुनार पर दबाव डालकर उसके बिस्कुट बनाए। उन्होंने बताया कि प्राथमिक दृष्टिकोण में इसके पीछे सीआईए-2 के कर्मचारियों की गलत मंशा नजर आ रही है। 

बहरहाल, मूर्ति कितनी पुरानी है, इसकी अब जांच करवाई जाएगी। सुनार के मुताबिक उसके पास वे लोग सोना समझकर मूर्ति लेकर आए थे लेकिन मूर्ति सोने की नहीं है।