हरियाणा में एम्स की पहल: कैंसर के मरीजों को दी जा रही है संगीत थेरेपी, दर्द भुलाने में हो रही है मदद
Jun 10, 2023, 10:53 IST

Yuva Haryana:हरियाणा के AIIMS झज्जर में कैंसर पीड़ित मरीज़ों के लिए एक ख़ास पहल की गई. दरअसल वहां इन मरीज़ों को विश्राम सदन में संगीत थेरेपी दी जा रही है, ताकि वो अपना दर्द भुला सकें. इस दौरान कैंसर पीड़ितों के लिए गिटार की मदद से उनके पसंदीदा गाने सुनाए जा रहे हैं. ये संगीत थेरेपी वहां के भाऊराव ट्रस्ट की ओर से दी जा रही है
. बताया गया कि ये थेरेपी देने वाले म्यूज़िक टीचर राम बहादुर अब तक 10 हज़ार मरीजों को ये संगीत थेरेपी दे चुके हैं. उनका कहना है कि अस्पताल में कीमो और रेडियोथेरेपी के बाद थके हुए मरीज जब विश्राम सदन में लौटते है तो थेरेपी के ज़रिए उनके चेहरों पर खुशी लाने और उनको मानसिक रूप से मजबूत करने की कोशिश की जाती है.
जिसमें उन्हें काफी हद तक सफलता भी हासिल हुई है। उनका कहना है कि डॉक्टर के परामर्श,कीमो और रेडियोथेरेपी के बाद थके हुए मरीज जब विश्राम सदन में लौटते है तो उनके चेहरों पर खुशी लाने और उन्हें मानसिक रूप से सकून देने की कोशिश की जाती है। जिससे उन्हें काफी हद तक सफलता भी हासिल हुई है।
रामबहादुर का यह भी कहना है कि कैंसर से जूझ रहे किसी शख्स और उसके परिजन के लिए एक से दूसरी ओपीडी में लंबी लाइन में लगकर डॉक्टर से जद्दोजहद करना तकलीफ देह होता है। ऐसी हताशा में कोई यदि उन्हें पसंदीदा गायक का गाना सुना दे तो मरीज को सुखद अनुभूति होती है। प्रत्येक कमरे में जाकर मरीज से उसके पसंदीदा गायक कलाकार का नाम और गीत पूछा जाता है, जिसे मरीज के बताने पर उसे गिटार पर बजाया जाता है। जिसे सुनकर मरीज को काफी शकुन मिलता है।
उन्होंने दावा किया कि किसी भी पीड़ा को दूर करने का माध्यम केवल और केवल संगीत है। कई बार ऐसा सुना गया है कि बहुत बड़े संगीतज्ञ थे जिनका सर्जरी होना था,लेकिन बगैर बेहोश किए ही उनका सर्जरी हो गया। कारण कि उनका फेवरेट संगीत उनके सामने बज रहा था। जिसमें वह तल्लीन हो जाते थे।
दिनभर की पीड़ा, तनाव मरीज की इस संगीत थेरेपी से दूर हो जाती है। करीब दस हजार कैंसर मरीजों को वह संगीत थेरेपी दे चुके है और इन सभी मरीजों ने इस संगीत थेरेपी के माध्यम से ही अपने जीवन को आनन्द से जिया है। प्रसिद्ध योगाचार्य को बुलाकर मरीजों को योगा के गुर सिखाएं जाते है। जिससे वह काफी शकून महसूस करते है। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था भाऊराव विभिन्न योजनाओं के तहत काम करती है।