हरियाणा का एक ऐसा गांव जहां पर स्थित है 1200 साल प्राचीन मंदिर, जिसके इतिहास की गहराइयां है अनोखी
Updated: Aug 9, 2023, 12:12 IST

Yuva Haryana: हरियाणा के पलवल जिले में स्थित दूधौला गांव वह रोचक स्थल है, जो अपने प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इस गांव के पास स्थित खेड़ा देवता का प्राचीन मंदिर दुनियाभर के श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
दूधौला गांव का इतिहास पौराणिक काल से जुड़ा हुआ है। पाण्डवों के वनवास के दौरान यहीं उन्होंने ठहराव लिया था। इस गांव में खुटेला गोत्र की स्थापना भी की गई थी और माता कुंती ने "खेड़ा देवता माता" की पूजा कर मंदिर की स्थापना की थी। पाण्डवों ने इस गांव में गौशाला भी बनवाई थी, जिसमें हजारों गायों को आराम से रहने की व्यवस्था थी।
खासकर दूध के प्रचुर स्रोत के कारण, एक तालाब को बनाया गया था, जिसमें गायों का दूध इकट्ठा किया जाता था। इसे "दूधिया तालाब" के नाम से जाना जाता है। यह तालाब आज भी उस ऐतिहासिक समय की याद दिलाता है, जब यहां गायों के दूध का संचयन किया जाता था।
प्राचीन मंदिर की कहानी भी विशेष है। यह मंदिर करीब 1200 साल पुराना है और पाण्डवों के वनवास के समय का है। इस मंदिर का संरचनात्मक अभिवादन आज भी देखने लायक है, जो एक प्राचीन विरासत की याद दिलाता है।
दूधौला गांव के महंत दामोदर दास वैष्णव ने बताया कि यहां पाण्डवों के ठहरने के समय की यादें बसी हुई हैं। खेड़ा देवता का मंदिर हर गांव में होता है, लेकिन दूधौला गांव में खेड़ा देवता का प्राचीन मंदिर विशेष है, जिसमें आज भी विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के छात्र आकर्षित होते हैं।
दूधौला गांव का इतिहास उसके पाण्डवों से जुड़ा हुआ है, जिसने इसे एक अद्वितीय और प्राचीन स्थल बना दिया है। इस गांव का मंदिर और उसके ऐतिहासिक महत्व ने इसे एक आकर्षण स्थल बना दिया है, जिसकी कहानी आज भी उसके पत्थरों में बसी हुई है।"