
सब्जी के दामों में आई गिरावट के चलते सब्जी उत्पादकों में निराशा का माहौल है । जबकि रिटेल में सब्जी बेचने वाले 2 से 3 गुना मुनाफा कमा रहे हैं। जिन सब्जी उत्पादकों ने घीया, टिंडा और खीरा की खेती कर रखी है उनको मंडी में खरीदार नहीं मिल पा रहे हैं, और वह अपनी सब्जी बेसहारा पशुओं को डालने के लिए मजबूर हो गए हैं।
जिसके कारण सब्जी उत्पादकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन दिनों मंडियों में पशुओं के सामने सब्जियों के ढेर देखे जा रहे हैं। सब्जियों के थोक दामों की बात करें तो अच्छा घीया 3 से 4 रूपए प्रति किलो बंद नग बिक रहा है। और ज्यादातर उत्पादक अपनी फसल गौशालाओं में दे रहे हैं। हाइब्रिड खी,रे पेठा और टिंडे के दाम भी तीन से 4 रूपए प्रति किलो चल रहा है।
कुछ अच्छी किस्म का टिंडा 7 से 8 रूपए प्रति किलो बिका है। भिंडी जो कुछ दिनों पहले बंद नाक 20 से 25 रूपए किलो प्रति तक बिकी अब वह भी 8 से 10 रूपए प्रति किलो पर आ गई है। ककड़ी भी पांच से 8 रूपए बंद नग बिक रही है। तो रही 6 से 8 रूपए प्रति किलो बिक रही है.
सभी सब्जियों में डालने वाला प्याज थोक में भी 8 से 10 रूपए प्रति किलो बिक रहा है। और अन्य सब्जियां सही दामों में बिक रही है मंडी आढ़तियों ने बताया कि सब्जियों का उत्पादन काफी हो रहा है और सब्जियों के खरीदार कम है। जिसके कारण सब्जियां सस्ती बिक रहे हैं. सरकार को चाहिए कि सब्जी उत्पादकों के लिए कोई ऐसी नीति बनाएं कि उनका नुकसान ना हो।
कुछ समय तक अच्छे दामों पर बिकने वाला नींबू भी अब कम दामों पर बिक रहा है जो नींबू 250 से 300 रूपए तक बिक रहा था वह 100 से 120 रूपए प्रति किलो तक थोक में बिक रहा है हालांकि नींबू के दामों के गिरने से आम आदमियों ने राहत की सांस ली है।