हरियाणा सहित 4 जिलों में हुआ 15 करोड़ का घोटाला, सरकार को लगाया करोड़ों का चूना
Sat, 23 Jul 2022

हाल ही में करनाल जिले के क्राइम ब्रांच में एक नकली CA को गिरफ्तार किया गया है। शार्प माइंडेड आरोपी से पूछताछ करते हुए तीन राज्यों में फैले जीएसटी का घपला सामने आया है। और अब करनाल क्राइम ब्रांच के एएसपी अमित दहिया के नेतृत्व में टीम ने सारे खुलासे खोलते हुए आरोपी को पानीपत करनाल नेशनल हाईवे पर से गिरफ्तार कर लिया है,
और आरोपी को 2 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरोपी ने अकेले ही हरियाणा में इस तरह की 40 फार्म खोलें और हरियाणा के 4 जिलों में यमुनानगर, पानीपत, रोहतक और कैथल को अपना निशाना बनाया था। जिसमें से पानीपत में करीब 700 मुखी और इन जिलों के व्यापारियों को भी अपनी बातों में फंसा कर कम ज्यादा कम ज्यादा बिलिंग का लालच भी दिया जिस माल पर अधिकतम 5% जीएसटी लगानी थी। उसी माल की सप्लाई की और जिस पर 12 से 18 वह 28% जीएसटी लगनी थी उनकी सिर्फ बिलिंग की गई। जिसके बाद दिल्ली स्थित एक निजी बैंक अकाउंट में जीएसटी रिकॉर्ड क्लेम क्रेडिट लेता था। इसी वजह से हरियाणा में 15 करोड़ क्लिक करके 3 करोड़ की फर्जी जीएसटी बिलिंग का रिफंड ले लिया गया।
यूपी के गाजियाबाद का रहने वाला पुनीत पिछले कई सालों से दिल्ली के करोल बाग में एक कार्यकाल संचालित करके सीए बनकर काम कर रहा है। और उसने 2005 में बीकॉम भी करी हुई है। जिसके बाद वह किसी सीए के पास रहकर काम सीखने लग गया था जहां उसने अपने ही तरीके से भी VAT टैक्स में चोरी करना सीखा और फर्जी सीए बनकर दिल्ली हरियाणा और हिमाचल को टारगेट बनाया और करोड़ों का घोटाला किया। पुनीत ने करीब 3 साल पहले हरियाणा के यमुनानगर में एक मुकदमा दर्ज भी किया गया था और इस मुकदमे में दृष्टि टीम ने अपने हिसाब से जांच करके उसे पकड़ने की भी कोशिश करें और जीएसटी टीम का यह कहना था कि उसके पास अनेक तथ्य हैं और वह आरोपी तक जल्द पहुंच जाएंगे, लेकिन पुनीत का शातिर दिमाग से बचाता रहा। जिससे वह हर बारी पकड़ने से बच जाता था, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार इस आरोपी तक पहुंच गई और तब भी इसने अधिकारियों को अपनी बातों में उलझा कर खुद को बिल्कुल सही साबित कर दिया।
करनाल ब्रांच के एएसपी अमित दहिया का कहना है कि उनके पास करनाल, पानीपत, सोनीपत का चार्ज है और इस केस को समझाने की जांच उन्हीं की टीम को मिली हुई है और टीम ने शुरुआत से जांच भी की है। जिसको लेकर मेल आईडी से लेकर आईपी ऐड्रेस बिलिंग लोकेशन खातों में दिए गए नंबरों की लोकेशन पोर्टल बिल आदि तक को सर्विलेंस पर लिया जाएगा। 2015 तक उनके पेट में दलाली करके खूब पैसा कमाया था और उसके बाद वह लोगों को बताने लगा कि वह सीए बन गया है और उसने 2017 में जीएसटी शुरू की जिसके बाद उसने जीएसटी से बड़ा जरिया बनाने की ठानी। 2018 - 19 में उसने जीएसटी में फर्जीवाड़ा करना शुरू किया।