
हरियाणा के दो आइएएस अधिकारियों अशोक खेमका और संजीव वर्मा के बीच चल रहे विवाद में प्रदेश सरकार ने वीरवार को संजीव वर्मा से हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी का चार्ज वापस ले लिया है। वर्मा ने चार्ज वापस लेने की आप अफसरशाही में जबरदस्त चर्चा है। हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। संजीव वर्मा करनाल के मंडल आयुक्त बने रहेंगे। हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन में 2010 में हुई नियुक्तियों को लेकर अशोक खेमका और संजीव वर्मा के बीच विवाद छिड़ा हुआ है। संजीव वर्मा ने वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी के पद पर रहते हुए अशोक खेमका के कार्यकाल में इसी कॉरपोरेशन में हुई नियुक्तियों में अनियमितताएं बरतने के आरोप लगाए हैं। जबकि खेमका का कहना है कि जो भी नियुक्तियां हुई हैं। वह हाई पावर कमेटी ने की है वर्मा और खेमका कई विवाद पुलिस तक पहुंचा हुआ है। दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कर रखी है। और पूरा मामला हाईकोर्ट में पहुंच चुका है।
अशोक खेमका और संदीप वर्मा के विरुद्ध हुई एफआईआर को रद्द करने के लिए दोनों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर रखी है। खेमका ने आरोप लगा रखा है कि जब वर्मा समाज कल्याण विभाग में निर्देशक थे तब सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग करते थे। जबकि वर्मा ने खेमका के कार्यकाल में हुई नियुक्तियों को आधार बनाते हुए उनमें अनियमितताओं के आधार पर एफआईआर दर्ज कराई है। यह पूरा मामला बेहद चर्चित है। इस बीच हरियाणा सरकार ने वीरवार शाम को संजीव वर्मा को वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी पद से हटा दिया है ।वर्मा करनाल के मंडलायुक्त हैं और वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे थे । वह 1992 बैक के एचसीएस अधिकारी हैं और 2004 में आइएएस प्रमोट हुए थे।
बताया जा रहा है कि मूल आइएएस बनने वाली लाबी संजीव वर्मा के खिलाफ थी। उसे लगता था कि एटीएस से प्रमोट आइएएस अफसर ज्यादा सक्रियता दिखा रहा है। डॉ शालीन 2012 बैच के आइएएस हैं, जो हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के एमडी का कार्यभार अतिरिक्त चार्ज के रूप में देखेंगे। अशोक खेमका 1991 बैच के सीनियर अधिकारी हैं फिलहाल वह विज्ञान एवं तकनीकी विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत हैं। उनकी गिनती राज्य के ईमानदार अधिकारियों में होती है।