
प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए ₹500 फीस तय करने के बाद शिक्षा व्यवस्था को लेकर छिड़ी बहस में तीन ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं। जो शिक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर रही है। जींद जिले के सरकारी स्कूलों की यह तस्वीरें कक्षा की जमीनी हकीकत बयां करने के लिए काफी है। जींद के गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा के जिन हाथों में किताबें होनी चाहिए थी, उन हाथों में झाड़ू है।
वहीं दूसरी और डिप्टी सीएम के विधानसभा क्षेत्र में एक स्कूल में बरसात का पानी भर जाने के बाद बच्चों के बाहर निकलने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली का सहारा लेना पड़ रहा है। वहीं तीसरी तस्वीर में छोटे-छोटे बच्चों को पानी से भरे हुए भारी कैंपर उठाते हुए देखा जा रहा है। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देने वाले हरियाणा में आज है नारा कई जगह पूरी तरह से विफल नजर आ रहा है। लोग अपनी बेटियों को पढ़ने के लिए स्कूल तो भेजते हैं, लेकिन वह उनकी बेटियों के हाथ में झाड़ू उठाकर क्लास रूम की सफाई करनी पड़ती है। जिनके हाथों में किताब होनी चाहिए उनके हाथों में झाड़ू थमा दिया।