
कहते हैं 2 शब्दों की चूक बहुत भारी पड़ सकती है ऐसा ही हुआ है हरियाणा प्रदेश में,दरअसल, परिवार पहचान पत्र बनाते समय सीएससी संचालकों ने उन लाभार्थियों के सामने पेंशनभोगी शब्द लिख दिया जो समाज कल्याण विभाग से पेंशन ले रहे थे। लेकिन जब पेंशन को पीपीपी से जोड़ा गया तब इनको पेंशनभोगी मतलब किसी विभाग से सेवानिवृत मानकर पेंशन रोक दी गई।
अब किसी की दो माह तो किसी की तीन से माह से पेंशन रुकी पड़ी है। ऐसे में सीएससी संचालकों की लापरवाही के कारण ही अधिकांश बुजुर्गों की परेशानी बढ़ी है। यदि पीपीपी में सही जानकारी अंकित होती तो शायद ऐसा न होता। अब जब पेंशन रुक गई, तब भी इन लाचार बुजुर्गों के सिर खूब चांदी कूटी जा रही है। अपडेट करने के नाम पर मनमाने पैसे लिए जा रहे हैं।
इतना ही नहीं, उनको अपडेट करवाने के साथ-साथ समाज कल्याण विभाग का रास्ता भी दिखाया जा रहा है, जिसके बुजुर्ग कार्यालय का चक्कर लगा लगा कर थक रहे हैं लेकिन वहां से भी उन्हें वापस भेजा जा रहा है ऐसे में इन बुजुर्गों की परेशानी एक बड़ा कारण बनी हुई है |