10th के टॉपर हीमेश ने कैसे किया हरियाणा में टॉप बताया सीक्रेट, खाना छोड़ने पर पड़ती थी डांट

 


Yuva Haryana : बोर्ड ऑफ सेकेण्‍डरी एजुकेशन हरियाणा ने 16 मई को 10th का रिजल्ट घोषित कर दिया है । इस परीक्षा में फतेहाबाद के हिमेश ने अपनी लगन और मेहनत से हरियाणा राज्य में अपना पहला स्थान पाया है । हिमेश के 500 में 498 नम्बर आए है ।

कभी कभी हिमेश पढ़ने में इतना खो जाता कि वो खाना खाना भी भूल जाता इस बात के लिए उसको डांट भी पड़ती थी। हिमेश अपने लाइफ के लक्ष्य की के बारे में कहता है कि वो आगे चलकर upsc क्रैक कर IAS ऑफिसर बनना चाहता है ।

हिमेश के माता पिता ने मीडिया से बात की और कहा की जब परिणाम आया तो सबको बताया पर किसी को यकीन नही हुआ। लेकिन जब न्यूज में आया तब सबको यकीन हुआ।

सोशल मिडिया को कहा बाय

आज कल जहा छोटे छोटे बच्चे इस सोशल मीडिया के दीवाने है वही हिमेश ने रील में बिजी युवाओं को मैसेज देते हुए कहा है कि रील बनाने के लिए दिमाग खर्च नही होता पर पढ़ाई पर होता है इसलिए लोग रील बनाते है । स्टूडेंट को पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए सोशल मीडिया पर नही ।


हरियाणा में नंबर बनाने पर हिमेश ने अपने टीचर्स स्कूल मैनेजमेंट और परिवार अहम भूमिका बताई है उसने अपने स्कूल के तीन साथियों के सहयोग के बारे में भी बताया है हिमेश ने कहा कि दसवीं कक्षा में फिजिक्स उनका पसंदीदा सब्जेक्ट रहा है लेकिन अधिक समय मैथ को देते थे इसके लिए उन्होंने खास तरीके बुक भी ले रखी थी हिमेश ने आगे कहा कि कोई भी सब्जेक्ट उतना मुश्किल नहीं होता जितना हम समझ लेते हैं।


हिमेश के पिता कहते हैं कि हिमेश रोज 4 घंटे पढ़ाई के लिए देता था एग्जाम टाइम पर उसने यह समय बढ़ा दिया।
 हिमेश आगे चलकर एक आईएएस ऑफिसर बनना चाहता है उसके पिता का कहना है कि हिमेश को पढ़ाई के अलावा किसी और चीज का शौक नहीं है।

 मेरा बेटा इस तरीके से अपनी पढ़ाई को समय देता है तो मुझे लगता है कि वह अच्छा जरूर कुछ करेगा आज मैं अपने बेटे की इस कामयाबी से बहुत खुश हूं। मैं एक ग्रुप डी का कर्मचारी हूं और 4 साल पहले ही मेरी जॉब लगी थी हमारा परिवार काफी बड़ा और पूरे परिवार की जिम्मेदारी मेरे ऊपर है ।

हिमेश की मां का कहना है कि बेटे को पढ़ाई के प्रति लगन देखकर मुझे विश्वास था कि मेरा बेटा अच्छे नंबरों से पास होगा लेकिन हरियाणा में बैठा टॉप कर जाएगा इसकी उम्मीद नहीं थी ।
आज इस खुशी को देखकर मेरे आंखों से आंसू छलकने लगे हैं कभी-कभी मुझे उसे डांट भी लगानी पड़ती थी वो समय से खाना नहीं खाता था मुझे पूरा विश्वास है कि वह आगे चलकर अपने भविष्य में अच्छी राह पर चलेगा।